Bageshwar Baba : कौन है यह बागेश्वर बाबा,क्या है इनके पीछे का राज आइए जानते हैं इनकी पूरी कुंडली के बारे में..


 आजकल एक बाबा बहुत ही सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। जिनका नाम है बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री। आपको हम बता दें। कि बागेश्वर धाम जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में गड़ा नाम के एक गांव में है। आप छतरपुर को ऐसे नहीं समझ पा रहे तो। हम बता दें विश्व विरासत माने गए खजुराहो के मंदिर छतरपुर में ही है। इसके लिए इस जिले का नाम महाराजा छत्रसाल के नाम पर पड़ा है। जिन्हें बुंदेलखंड राज्य का जनक भी कहा जाता है। इसी गांव के रहने वाले हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बाबा। कहा जाता है कि धीरेंद्र कृष्ण के दादा जी भगवानदास पहले दिव्य दरबार लगाया करते थे।



तब फिर उनकी मौत के बाद। धीरेंद्र भी छतरपुर गांव गढ़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास दिव्य दरबार लगाने लगे। बाबा धीरेंद्र शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुई थी। वह मध्यप्रदेश के गढ़ा गांव में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम राम कृपाल गर्ग था। और उनकी माता का नाम सरोज गर्ग था। वह अपने दादा जी से ही शिक्षा दीक्षा लिए थे। बाबा धीरेंद्र शास्त्री 12वीं कक्षा तक ही पड़े हैं। उसके बाद उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था। तब इसके बाद वह अपने दादा जी की तरह कथावाचक बन गए। इसी तरह कथा वाचक करते-करते। इन की कथा लोगों को बहुत ही अच्छी लगने लगी। और तब हजारों लाखों की संख्या में लोग बाबा की इस कथा का आनंद लेने के लिए आने लगे। लोग दूर-दूर से चलकर इन के दरबार में आने लगे। और तब बाबा लोगों को अपने पास बुलाते और लोगों से उनकी परेशानियों के बारे में बताते थे। लेकिन बाबा उनकी परेशानियों को बिना सुने ही सब सही-सही बता देते थे। और इस बात को सुनकर लोग चोक जाते थे। कि बाबा को बिना बोले मेरी परेशानियों के बारे में कैसे पता चला। जब बाबा बताते तो वह व्यक्ति बोलता है। कि जी बाबा मुझे तो यही परेशानी थी। और तब लोगों में यह बात फैली तो और भी भारी भीड़ होने लगी। वही धीरेंद्र शास्त्री बाबा इन दिनों एक विवाद में फंस गए हैं। बताया जा रहा है। कि नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान। किसी ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र के जादू टोने वाली विरोधी कानून के तहत। उन पर कार्रवाई की मांग की गई है। उन्हें चुनौती दी गई है। कि अगर वह सच में सब के बारे में जानते हैं। तो अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के सामने आए।



और अगर वह जीत गए। तो उन्हें ₹30 लाख इनाम में दिया जाएगा। उन पर इल्जाम है कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने यह चैलेंज स्वीकार नहीं किया है। और जो कार्यक्रम 13 जनवरी तक चलना था। वह 11 जनवरी को ही छोड़ कर चले गए हैं। और उनके समर्थकों ने नागपुर में हंगामा कर दिया है। और अब सच क्या है। वाकई बाबा धीरेंद्र शास्त्री चमत्कारी है। या फिर इनके पीछे कुछ और ही राज है। कुछ लोगों का कहना यह भी है। कि बाबा जादू टोने को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह भूत-प्रेतों का दरबार लगाते हैं। यह सभी बातों में कितनी सच्चाई है। अब तो वही जाने क्या सच है और क्या झूठ।

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